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आधारभूत ब्रह्माण्ड की विशिष्ट संरचना (गणितीय मॉडल) अनंत के लिए सर्वाधिक मान को दर्शाती है। इस संरचना में शामिल होने के लिए ऐसा कुछ भी शेष नहीं रह जाता। जिसकी कल्पना भी की जा सके। याद रहे बिना आधार के कोई भी कल्पना कर पाना असंभव है। आधारभूत ब्रह्माण्ड का स्वरुप भौतिकता की सीमा को दर्शाता है। जब आप इस विशिष्ट संरचना की बनावट को समझते हैं। तब आपके मन में भी अनंत की शर्तों से जुड़े हुए प्रश्न नहीं रह जाते।


क्योंकि विशिष्ट संरचना के विश्लेषण में क्रमशः सिद्धांत, अवयव, राशियाँ, बल, कण, नियम, विषय और अवधारणाओं के एकीकरण का वर्गीकृत रूप प्राप्त होता है। इन्ही वर्गीकृत रूपों में प्रकृति, प्राकृतिक और अप्राकृतिक बिन्दुओं का और स्वाभाविक और स्वतः क्रियाओं का भी स्पष्ट वर्गीकरण दिखाई देता है।

अज़ीज़ राय के बारे में

आधारभूत ब्रह्माण्ड, एक ढांचा / तंत्र है। जिसमें आयामिक द्रव्य की रचनाएँ हुईं। इन द्रव्य की इकाइयों द्वारा ब्रह्माण्ड का निर्माण हुआ। आधारभूत ब्रह्माण्ड के जितने हिस्से में भौतिकता के गुण देखने को मिलते हैं। उसे ब्रह्माण्ड कह दिया जाता है। बांकी हिस्से के कारण ही ब्रह्माण्ड में भौतिकता के गुण पाए जाते हैं। वास्तव में आधारभूत ब्रह्माण्ड, ब्रह्माण्ड का गणितीय भौतिक स्वरुप है।
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