ads

Style1

Style2

Style3[OneLeft]

Style3[OneRight]

Style4

Style5

माध्यमिक शालाओं की कक्षा में हम सभी ने प्रिज्म के बारे में पढ़ा है। और आज भी उसके बारे में बहुत कुछ जानते हैं। प्रिज्म के बारे में हम जो कुछ जानते हैं। वो यह है कि प्रिज्म पांच फलकों से निर्मित वह संरचना है, जिसमें दो फलक समान्तर और तीन फलक त्रिभुजाकार आकृति में गठित होते हैं। अब बात करते हैं प्रिज्म के व्यवहार के बारे में.. प्रकाश की प्रकृति इस रूप में जानी जाती है कि वह सरल रेखा में गति करता है। प्रकाश संबंधी घटनाओं में प्रकाश का परावर्तन, अपवर्तन, वर्ण-विक्षेपण, विवर्तन, व्यतिकरण, ध्रुवण और प्रकाश का विद्युत प्रभाव प्रमुख है।


प्रिज्म में प्रकाश की प्रमुख घटना अपवर्तन और वर्ण-विक्षेपण घटित होती है। वर्ण-विक्षेपण, प्रकाश के अपवर्तन द्वारा निर्मित घटना है। जब श्वेत प्रकाश अपने अवयवी रंगों में विभक्त हो जाता है। तो इस घटना को प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण कहते हैं। यह घटना प्रिज्म की विशिष्ट संरचना के कारण घटित होती है। जब श्वेत प्रकाश की किरण उन तीन फलकों में से एक फलक पर आपतित होती है। तब अपवर्तन की घटना के अनुसार वह किरण अभिलम्ब की ओर झुक जाती है। और वहीं एक निश्चित दूरी तय करने के उपरांत जब वह किरण उन्ही तीनों फलक में से दूसरी फलक (चूँकि उन तीन में से एक फलक पर प्रकाश किरण आपतित हो चुकी है) पर पुनः आपतित (अपवर्तन) होती है। तब वह अपने अवयवी रंगों में विभक्त दिखलाई देती है। इस तरह प्रकाश किरण क्रमशः बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल रंगों में विभक्त होकर गमन कर जाती है। अपने अवयवी रंगों में विभक्त होने की क्रिया दूसरी बार होने वाले अपवर्तन के फलस्वरूप नहीं होती है। अपितु पहली बार होने वाले अपवर्तन के फलस्वरूप ही रंगों का विक्षेपण हो जाता है। चूँकि जिस फलक पर प्रकाश का आगमन होता है। और जिस फलक से प्रकाश का गमन होता है। वे फलक समान्तर नहीं होती हैं। फलस्वरूप अवयवी रंग पुनः एकत्रित नहीं हो पाते। जिसे हम वर्ण-विक्षेपण कहते हैं। वर्ण-विक्षेपण, अपवर्तन की क्रिया में आने वाली एक संरचनीय त्रुटी है। प्रिज्म की दो समान्तर फलक में से किसी एक फलक पर यदि श्वेत प्रकाश की किरण आपतित होती भी है तो प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण नहीं होगा। अपितु प्रकाश की गति में माध्यम परिवर्तन से होने वाले नगण्य परिवर्तन को देखा जा सकता है। परन्तु वर्ण-विक्षेपण को नहीं..

निष्कर्ष : रंगों की विचलन-दूरी समान नहीं होने के कारण प्रिज्म के अन्दर दुबारा अवयवी रंग पुनः एकत्रित नहीं हो पाते हैं। फलस्वरूप वर्ण-विक्षेपण की घटना घटित होती है। यह भिन्नता संरचना पर आधारित होती है। आपने देखा कि प्रकाश की प्रकृति प्रिज्म के अन्दर भी सरल रेखा में गति करने की ही है। सिर्फ प्रकाश के व्यव्हार को नया रूप मिला है। व्यवहार में जो कुछ बदलाव आते हैं। वह संरचना पर ही आधारित होते हैं। और जैसा हम सभी ने देखा कि विचलन-दूरी अर्थात संरचना का आकर भी प्रकृति निर्धारण का कारण हो सकता है।

अज़ीज़ राय के बारे में

आधारभूत ब्रह्माण्ड, एक ढांचा / तंत्र है। जिसमें आयामिक द्रव्य की रचनाएँ हुईं। इन द्रव्य की इकाइयों द्वारा ब्रह्माण्ड का निर्माण हुआ। आधारभूत ब्रह्माण्ड के जितने हिस्से में भौतिकता के गुण देखने को मिलते हैं। उसे ब्रह्माण्ड कह दिया जाता है। बांकी हिस्से के कारण ही ब्रह्माण्ड में भौतिकता के गुण पाए जाते हैं। वास्तव में आधारभूत ब्रह्माण्ड, ब्रह्माण्ड का गणितीय भौतिक स्वरुप है।
«
अगला लेख
नई पोस्ट
»
पिछला लेख
पुरानी पोस्ट
  • 1Blogger
  • Facebook
  • Disqus

1 Comment

  1. Những dịch vụ mà Chuyenhangvevietnam.com đang cung cấp, đang được đông đảo khách hàng tin tưởng và sử dụng. Có thể kể đến các dịch vụ như:
    - dịch vụ cho thuê xe tải 500kg tự lái giá rẻ
    - dịch vụ vận chuyển hàng hóa bắc nam bằng container
    - dịch vụ vận chuyển ô tô bắc nam giá rẻ
    - dịch vụ cho thuê xe tải tự lái theo tháng
    - cdịch vụ huyển phát nhanh uy tín tại tphcm
    - dịch vụ bốc xếp hàng hóa giá rẻ
    - dịch vụ giao hàng tận nơi
    - dịch vụ cho thuê kho
    - dịch vụ ship cod giá rẻ

    Liên hệ ngay với chúng tôi qua số hotline 093 9999 247 để được tư vấn và sử dụng dịch vụ.

    जवाब देंहटाएं

comments powered by Disqus

शीर्ष