रसायन - 2013 का नोबेल पुरुस्कार संयुक्त रूप से तीन वैज्ञानिकों (मार्टिन कारप्लस, माइकल लेविट और अरीह वर्शेल) को दिया गया है। आप तीनों वैज्ञानिकों ने जटिल रासायनिक तंत्रों के बहुआयामी प्रतिमानों (मॉडलों) को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आप तीनों वैज्ञानिकों ने मिलकर एक साथ रासायनिक तंत्रों के बहुआयामी मॉडलों को तैयार किया है। जिसके कारण रासायनिक लेब कंप्यूटरीकृत हो गई हैं। इससे पहले भी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के माध्यम से रासायनिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता रहा है। परन्तु आप तीनों की उपलब्धियों ने कंप्यूटर को लेबों की जरुरत करार दिया है। ताकि रासायनिक क्रियाओं को और गहराई के साथ कम समय और अधिक सटीकता के साथ समझा जा सके। अरीह वर्शेल ने मार्टिन कारप्लस और माइकल लेविट के मध्यस्त पुल का काम किया है। पूर्व में निर्धारित की गई आप तीनों की संयुक्त योजना आज सफल हो गई है। आगे यह देखना है कि विज्ञान इस खोज (अध्ययन करने का तरीका) का किस तरह से उपयोग करता है।
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अज़ीज़ राय के बारे में
आधारभूत ब्रह्माण्ड, एक ढांचा / तंत्र है। जिसमें आयामिक द्रव्य की रचनाएँ हुईं। इन द्रव्य की इकाइयों द्वारा ब्रह्माण्ड का निर्माण हुआ। आधारभूत ब्रह्माण्ड के जितने हिस्से में भौतिकता के गुण देखने को मिलते हैं। उसे ब्रह्माण्ड कह दिया जाता है। बांकी हिस्से के कारण ही ब्रह्माण्ड में भौतिकता के गुण पाए जाते हैं। वास्तव में आधारभूत ब्रह्माण्ड, ब्रह्माण्ड का गणितीय भौतिक स्वरुप है।
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